समाहित करें जीवन में सरलता, स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें। समाहित करें जीवन में सरलता, स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें।
जब हुआ महाभारत कितने लोगों ने प्राण गंवाये थे स्वार्थ और परमार्थ के तब भेद समझ में आय जब हुआ महाभारत कितने लोगों ने प्राण गंवाये थे स्वार्थ और परमार्थ के तब भेद स...
प्रेमपथ पर कभी दूर दिखाई देती है हमारी मंजिल उगता है बीज मिट्टी में ही वक्त मिल जाने के बाद। प्रेमपथ पर कभी दूर दिखाई देती है हमारी मंजिल उगता है बीज मिट्टी में ही वक्त मिल...
अब शायद सेतु तले की भीड़ में खोना ही मेरे जीवन का हो गया है सार। अब शायद सेतु तले की भीड़ में खोना ही मेरे जीवन का हो गया है सार।
प्रेम हमारी शैली है, प्रेम ही जीवन-दान।कुछ भी कर दें प्रेम-हित, छोड़ अहम अभिमान।। प्रेम हमारी शैली है, प्रेम ही जीवन-दान।कुछ भी कर दें प्रेम-हित, छोड़ अहम अभिमान।।
जब रात उदास होती है ताारे टूटते हैं यकायक! जब रात उदास होती है ताारे टूटते हैं यकायक!